Share Market Kya Hai ?-2024 में पूरी जानकारी

Share  Market  शब्द सुनते ही लोगो के मन में पहला ख्याल आता है की शेयर बाजार जुआ है, सट्टा है। लेकिन Share Market Kya Hai इसे आप समझने की कोसिस करे तो इससे अच्छा पैसा कमाने का दूसरा कोई रास्ता मिल नहीं सकता। आज America में लगभग 30  से 40 प्रतिशत लोग Share Market से पैसा कमा रहे है। और भारत में बस 3 प्रतिशत लोग ही share market से जुड़े हुए है, और जो भी जुड़े है वो लोग महीने के लाखो रूपये कमा रहे है। share market कोई राकेट बिज्ञान नहीं है। कोई भी ब्यक्ति इसे समय देके सिख सकता है। अगर आप सीखना चाहते है तो आज इस लेख के जरिये में आपको बताने जा रहा हु की Share Market Kya Hai और Share Market se paise kaise kamaye -तो चलिए जानते है।

Share Market Kya Hai- शेयर बाजार क्या है ?

SHARE MARKET KYA HAI

Share Market एक ऐसा Market है जहा बोहत सारे कंपनियों के शेयर्स की बिक्री और खरीदी होती है। जैसे normal सब्जी बाजार में सब्जी ख़रीदा और बेचा जाता है ठीक उसी तरह। भारत में केबल ऐसे 2 Share Market है BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) जहा लगभग 5000 से ज्यादा कम्पनिया listed है। लेकिन आप सीधा NSE या BSE में जाके शेयर खरीद या बेच नहीं सकते।

इसके लिए आपको अपना DEMAT खाता खुलवाना परता है कोई भी stock broker के जरिये। और उसके जरिये ही आप Share Market में पैसा लगा सकते है।

Share Market Basics :

आर्थिक बाजार (Financial Market ):

आर्थिक बाजार लोगो को शेयर्स bonds में निबेश करने की सुबिधा देती है। आर्थिक बाजार को प्रमुख रूप से दो प्रकारो में बिभाजित किया जा सकता है वो है नकद बाजार (money  market) और पूंजी बाजार (capital market)

नकद बाजार (Money Market ) :

दोस्तों आपने देखा होगा की बड़ी बड़ी कम्पनिओं या स्टार्टअप कंपनियों को अपने कारोबार को चलाने के लिए धन की आवश्यकता होती हे, इस धन को जुटाने के बहुत सारे उपाय हे जैसे (स्टॉक मार्केट से पैसा उठाना, कैपिटल मार्किट से पैसा उठाना) और इन्ही उपायों में से एक उपाय हे मनी मार्किट से पैसा उठाना।

तो मनी मार्केट के अंदर कंपनी, अपने इंस्ट्रूमेंट/ सिक्योरिटीज (शेयर) और अपनी प्रॉपर्टीज (Property) को गिरवी रख कर बैंक या फाइनेंसियल इंस्टीटूशन से पैसे उधर लेती हे।

पर यह पैसा बहुत कम टाइम के लिए दिया जाता हे (1 साल से कम अवधि के लिए ) और समय समाप्त होने पर कंपनी को वो पैसे बैंक को वापस लौटाने होते हे और बैंक उस कंपनी के सारे सिक्योरिटीज पेपर्स वापस दे देती हे।

पूंजी बाजार (Capital Market):

पूंजी बाजार यानी शेयर बाजार जहां कंपनियों के शेयरों का लेन-देन होता है जिसका आम निवेशक भी शेयर खरीद सकते हैं
पूंजी बाजार को 2 प्रकार के बाजार में विभाजित किया जा सकता है।

  •  प्राइमरीमार्केट(Primary market)
  • द्वितीयक बाज़ार(Secondary market)

प्राइमरी मार्केट:(Primary Market)

* जब किसी कंपनी को अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने या नया बिजनेस शुरू करने के लिये पैसों की जरूरत होती है तो वह कंपनी उस जरूरत को पूरा करने के लिये नए शेयर या डिबेंचर जारी करती है और सीधे निवेशकों से पैसा प्राप्त करती है.

यह प्रक्रिया प्राथमिक बाजार के तहत होती है. कंपनी मार्केट में आईपीओ(Initial Public Offering) के माध्यम से नये शेयर या डिबेंचर लांच करती है जो कि सीधे निवेशकों को बेचे जाते हैं. आसान शब्दों में कहें तो प्राइमरी मार्केट वह जगह है जहां सिक्यूरिटीज (प्रतिभूतियों) को अस्तित्व में लाया जाता है.

 सेकन्डरी मार्केट:(Secondary Market)

*सेकन्डरी मार्केट में लिस्ट हुए शेयर्स का trading होता है। इसके द्वारा लोगो को एक ऐसा प्लेटफॉर्म मिलता है जाहा पर वो shares ,debt ,डिवेंचर आदि का लेनदेन करके trading कर सकते है। आज के corporate संगस्थाओ के लिए ये एक उत्तम मीडियम बना है। secondary मार्केट में छोटे से छोटा निवेशक भी पैसा बना सकता है। आम तोर पे सेकेंडरी मार्केट को ही लोग share market से जानते है हालाकि stock की बिक्री प्राइमरी मार्केट में भी होती है जहा पहली बार उन्हें इशू किया जाता है।

स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchanges):

शेयर एक्सचेंज (stock exchange) एक ऐसी जगह है जहां से शेयर बाजार (Share Market) का संचालन होता है। यहां शेयर खरीदी और बिक्री की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है।

इसलिए यह संस्थान किसी केन्द्रीय जगह पर ही होता है। उदाहरण के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) मुंबई शहर में दलाल स्ट्रीट पर स्थित है। जहां आसानी से शेयरों की ट्रेडिंग की जा सकती है। वहीं, अमेरिका का शेयर बाजार, न्यू यॉर्क शेयर एक्सचेंज (New York Stock Exchange), न्यू यॉर्क शहर के वॉल स्ट्रीट पर स्थित है।

स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा शेयर व्यापारी (stock trader) या स्टॉक ब्रोकर्स विभिन्न सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर, ऋणपत्र (बॉन्ड) और प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने का काम करते हैं। स्टॉक एक्सचेंज, शेयरों की खरीदी और बिक्री के अलावा भी कई अन्य सुविधाएं देता है।

भारत में बहुत से क्षेत्रीय शेयर बाजार के एक्सचेंज उपलव्द है। जिनमे कंपनियों के शेयर का ट्रेडिंग किया जाता है। पर इनमे बताने लायक प्रमुख दो ही एक्सचेंज है। जिनमे ज्यादातर शेयर्स का अच्छे वॉल्यूम के साथ ट्रेडिंग होता है।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE ):

  •  ये सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण Asia का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है।
  • भारत का ये पहला सरकारी अनुमति वाला एक्सचेंज है।
  •  BSE में बोल्ट के आधार पर शेयर्स का ऑनलाइन ट्रेडिंग किया जाता है।
  •  BSE ने भारत में 400 से भी ज्यादा शहरो में अपनी सेवा सुरु की है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE ):

  • नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में अप्रैल 1994 से होलसेल डेब्ट मार्किट ट्रेडिंग सुरु हुआ और जून 1994 में कैपिटल मार्केट यानेकी शेयर्स का ट्रेडिंग शुरू हुआ।
  • तबसे आज तक वो एक अचे वॉल्यूम वाला एक्सचेंज बना है।
  • उसने NSCCL (National Securities Clearing Corporation Limited) की रचना की है जो क्लीयरिंग और सेटलमेंट का कार्य करती है।
  • NSE इंटरनेट पर भी ट्रेडिंग की सुबिधा देती है।

शेयर बाजार में कमाई करने के उपलब्ध बिकल्प(Options to Make Money in Stock Market):

  •  निवेश (Investing)
  •  ट्रेडिंग (Trading)
  •  हेजिंग और आर्बिट्राज।
  •  मार्जिन ट्रेडिंग।
  • डिविडेन्ड।

 1. निवेश (Investing):

शेयर मार्केट में निवेश अपने पैसे को बढ़ाने के लोकप्रिय तरीकों में से एक है। इसके द्वारा सही समय पर सही कम्पनी में निवेश कर आप अच्छा लाभ कमा सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको मार्केट की सही जानकारी होनी बहुत जरूरी है।

अगर आप भी एक नये निवेशक हैं तो आपके मन में भी निवेश को लेकर कई सवाल आते होंगे। अक्सर ऐसे लोग जो शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं वो निवेश के लिए आवश्यक कम से कम राशि के बारे में जानना चाहते हैं।

शेयर मार्केट में निवेश के लिए आपको हजारों रुपये की जरूरत नहीं होती। आप कम पैसे में भी अपने निवेश की जर्नी शुरू कर सकते हैं। जो लोग कुछ दिन या महीने या कुछ बर्ष शेयर्स वैसे ही रखने के लिए तैयार होते है उन्हें यह डिलीवरी लेनी परती है। share Broker के पास से शेयर्स खरीदने के बाद वो शेयर उनके Demat खाता में जमा होते है।

अब वो इलेक्ट्रॉनिक स्वरुप में होते है और आपको उनका monthly या Quarterly statement जो अपने निश्चित किया है उस प्रकार मिलता है। आपको अपने खाते में बचे बैलेंस शेयर्स की जानकारी दी जाती है।

2. ट्रेडिंग (Trading):

ट्रेडिंग का मतलब होता है चीज़ो को लेनदेन ठीक वैसे ही Share Market के ट्रेडिंग भी काम करती है। शेयर्स का लेनदेन ही ट्रेडिंग कहलाता है यानि काम दामों में शेयर्स खरीद के उसे ज्यादा दामों में बेचना।

जिसे करके आज बोहत से लोग लाखो रुपये कामा रहे है। Trading, Share Market में सबसे ज्यादा की जाती है और लोग हर रोज शेयर पर ट्रेडिंग करके हजारों और लाखों रूपये कमा लेते हैं। ट्रेडिंग की समय अवधि 1 साल की होती है। मतलब यह हुआ कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना है।

share market kya hai

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3.हेजिंग और आर्बिट्राज :(Hedging and Arbitrague)

*आर्बिट्राज एक ऐसा बिकल्प है जिसमे जोखिम न के सामान होता है। इसमें किसी भी शेयर्स में दोनों एक्सचेंज में जो भाव होता है उसके बिच के फर्क का फायदा लिया जाता है। जोखिम इतना नहीं होता की आपको कोई गिनती या अनुमान निकलना पड़े।

पर सभी लोग ऐसा नहीं कर सकते किउकी आर्बिट्राज के लिए खाते में शेयर और हाथ में पैसा दोनों होना परता है। आर्बिट्राज के लिए तेज बुद्धि और ध्यान क्षमता का होना जरुरी है।

आर्बिट्राज- *बाजार में जब गिरावट आती है तब अपने पोर्टफोलियो में जमा शेयर्स के भाव में होनेवाली गिरावट को रोकने के लिए OPTION और FUTURE जैसे बिकल्पो की मदद से प्रतिकारक पोजीशन ली जाती है उसे हेजिंग कहते है। ये एक ऐसा प्रकार का इन्सुरेंस की तरह है जो ख़राब बाजार में भी आपके पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखता है

4.मार्जिन ट्रेडिंग:(Margin Trading)

यह एक ऐसा बिकल्प है जिस में आपके खाते में जमा शेयर्स पर आपको ज्यादा मार्जिन मिलती है जिसकी मदद से आप ज्यादा शेयर्स की डेलिवेरी लेकर काम कर सकते है। फ्यूचर ट्रेडिंग और इसमें फर्क ये है की फ्यूचर में बोहत बड़ा नुक्सान हो सकता है पर मार्जिन ट्रेडिंग किये हुए खाते में जितना माल है उतना ही नुकसान होने की सम्भावना होती है। लेकिन ये सुरक्षित बिकल्प है ऐसा सोचने की भूल मात कीजिये बिना ज्ञान के साथ SHARE MARKET में उतरेंगे तो आपकी सारी निबेश साफ़ हो सकता है।

5.डिविडेंट इनकम :

ये एक ऐसा बिकल्प है जिसके द्वारा लोगो को नियमित पूंजी मिल सके ऐसा आयोजन किया जाता है। यानि जो लावांश (profitable ) कम्पनिया है वो अपने लाभ से कुछ प्रतिशत अपने शेयर धारोको (Share Holder ) को देती है। और कितना डिविडेंड मिलेगा ये निश्चित करते है कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डिरेक्टर्स (BOD ) ये डिविडेंड साल में एक बार भी मिल सकती है या Quartly भी मिल सकती है। ये निर्भर करता है कंपनी के perfomence पे। डीविंडेंड देने वाले कंपनियों में से एक है TATA CONSULTENCY SERVICE .

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CONCLUSION:

ये लेख पढ़ने के बाद तो आप लगभग समझ चुके है की Share Market Kya Hai और Share Market se Paise Kaise Kamate hai लेकिन बस इतना काफी नहीं है। किउकी share बाजार कोई कॉलेज की डिग्री की तरह नहीं है।

ये आपके कई पुस्तो की ज़िन्दगी आसान बना सकती है। लेकिन उससे पहले आपको अपना समय देना पड़ेगा सिद्द्त से और हर वक़्त सीखते रहना पड़ेगा। और भी बोहत साडी चीज़े है जो शेयर मार्किट में पैसा बनाने से पहले आपको सीखनी पड़ेगी। जिससे आप निरंतर पैसा बना सके।

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