Equity Meaning in Hindi:आसान भाषा में समझें 2024 में

Equity Meaning in Hindi:इक्विटी क्या है?

“Equity Meaning in Hindi” यानि – कंपनी में हिस्सेदारी। अगर आप एक कंपनी के साथी बन जाते हैं, तो आपको वही इक्विटी कहलाएगी।उदाहरण से समझते हैं – किसी ने एक चाय की दुकान खोली, और आपने उसमें पैसा लगाया। अब वह चाय की दुकान आपकी और उसकी हिस्सेदारी हो गई।

इक्विटी शेयर्स होल्डर्स को आमतौर पर वोटिंग की सुविधा भी मिलती है, जिसका मतलब होता है कि वे कंपनी के Management निर्णयों में भागीदारी कर सकते हैं। इक्विटी शेयर्स की कीमत बाजार की परिस्थितियों के हिसाब से बदलती रहती है, और निवेशकों को इन कीमतों में बदलाव के जरिये से लाभ या हानि होती है।

What is Equity Share?(इक्विटी शेयर क्या है)

तो, इक्विटी शेयर क्या होता है? सबसे पहली बात यह है कि यह एक तरह का हिस्सेदारी होता है, जिसे आप शेयर बाजार में खरीद

सकते हैं। जब आप एक कंपनी के इक्विटी शेयर को खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के साथ मालिकाना संबंध बना लेते हैं।

यहाँ कुछ बाते:जब आप इक्विटी शेयर खरीदते हैं, तो आपका हिस्सा उस कंपनी में होता है। अगर कंपनी को कोई बड़ा फैसला लेना होता है, तो आपको भी एक हिस्सा मिलता है – “जिससे आपको बोलने का हक़ होता है ”

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Equity Capital meaning in hindi

कंपनियों को अपने बिज़नेस को बढ़ा करने के लिए फंडिंग की जरुरत होती है और उस जरुरत को पूरा करने के लिए कंपनी अपने शेयर- बाजार में जारी करती है। जिससे निबेशक़ उस कंपनी की शेयर को खरीदते है और कंपनी को फंडिंग प्राप्त होती रहती है और इसी फंडिंग को Equity Capital बोला जाता है।

आम तौरपे Equity Capital को शेयर कैपिटल भी बोलते है। और ये किसी भी कंपनी के बैलेंस शीट के शेयर होल्डर फण्ड सेक्शन में दिख जाता है।

कैसे जाने किसी कंपनी Equity Share के बारे में:

आजकल, किसी भी कंपनी के इक्विटी शेयर्स के बारे में जानना बहुत आसान हो गया है, खासकर जब आप निवेश के बारे में सोच रहे हैं। पहला कदम होता है कंपनी के नाम या सिम्बल को जानना, जिसके इक्विटी शेयर्स के बारे में आप जानकारी चाहते हैं।

1.शेयर बाजार Website से जानना :  उसके बाद, आपको स्टॉक मार्केट की वेबसाइट पर जाना होगा, जैसे कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) इन्डिया। यहां पर आप उस कंपनी के शेयर्स की सारि जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि वर्तमान कीमत, शेयर्स की वॉल्यूम, और कंपनी के पुराने डाटा।

2.कंपनी के website से जानना :इसके बाद, कंपनी के वेबसाइट पर जाकर आप उनके इक्विटी शेयर्स के बारे में और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि वित्तीय रिपोर्ट्स, प्रेजेंटेशन्स, और बिजनेस मॉडल,प्रॉफिट और लॉस।

3.Sector की समझ : सेक्टर की समझ बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह आपको कंपनी के स्थिति को समझने में मदद करता है। कंपनी के परफॉमेंस के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप उस सेक्टर के बारे में खोज कर सकते हैं और समाचार और विशेषज्ञों के विचार सुन सकते हैं।

4.फाइनेंसियल Reports पढ़ना : वित्तीय रिपोर्ट्स को ध्यान से पढ़ने और समझने से आपको कंपनी के फाइनेंसियल हेल्थ का पता चलेगा, जैसे कि कंपनी का प्रॉफिट और लॉस, उनकी आय, और ऋणों की स्थिति। कंपनी के प्रोडक्ट्स के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते है।

5.न्यूज़ और ब्लोग्स से जानना : न्यूज़ और Finance Blogs को ब्राउज़ करने से भी आपको उपयोगी जानकारी मिल सकती है, और आप वित्तीय स्थितियों और मार्केट Trends को समझ सकते हैं।

6.बिशेषज्ञा की सलाह :सबसे अच्छा होता है कि आप किसी विशेषज्ञ से सलाह लें, जैसे कि स्टॉक ब्रोकर, जो आपको सटीक जानकारी प्रदान कर सकता है और आपके निवेश को गाइड कर सकता है।

7.कंपनी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं: 

किसी भी कंपनी के ऑफिसियल वेबसाइट पे जाके आप उनके बारे में जरुरी जानकारी प्राप्त कर सकते है। जैसे कंपनी की मैनेजमेंट ,कंपनी के प्रमोटर्स की बिचारधारा , कंपनी का बित्तीय लक्ष्य जिसे आपको इक्विटी के बारे में जानकरि मिल सकती है।

5.कंपनी के इतिहास को जाने :

जिस भी कंपनी में आप निबेश करना चाहते है उसके पिछले 10 या 20 साल के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करे। जैसे कंपनी की गतिबिधिया ,कंपनी का लक्ष यही सब अध्ययन करना भी आपको इसके के Equity Share बारे में समझने में मदत कर सकता है।

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किसी कंपनी की जानकारी प्राप्त करने के बाद, आपको ध्यानपुरबाक बिचार करना होगा किउकी Equity Share में निबेश करना रिस्क से भरा है। और अपने सुना भी होगा – “Share Market निबेश बाजार जोखिमों के अधीन है ,इससे जुड़े सारी दस्तावेज ध्यान से परेह ”

कंपनी के व्यापार के साथ उसकी Equity Share कैसे बढ़ती है:

एक कंपनी के उसके Equity बढ़ाने के कई रास्ते है। पहला और सबसे जरुरी रास्ता है sales और Income को बढ़ाना। जब भी कंपनी अधिक प्रोडक्ट्स बेचती है तो ज्यादा से ज्यादा लोग उसके हिस्सेदार बनने के लिए पैसे निबेश करते है। इसका मतलब होता है कंपनी के इक्विटी में बृद्धि हुई है।

1. जब कंपनी अपने सेक्टर पे सबसे अच्छा परफॉमेंस करती है ,और अपने sales को बढ़ाती है जिससे कंपनी की वैल्यू बरती है ,तो लोग उस कंपनी के स्टॉक्स को खरीदते है। जिससे उसकी Equity बरती है.

2. कंपनी के बिज़नेस मॉडल में दम हो तो निबेशको को पसंद आना शुरू हो जाता है। जब निबेशक़ कंपनी के बिज़नेस मॉडल को समझते है और उसमे ज्यादा बिस्वास करने लगते है ,और अधिक निबेश करते है ,जिससे कंपनी की इक्विटी बढ़ती है।

3. कंपनी अगर निबेशको को उपयुक्त जानकारी और फाइनेंसियल रिपोर्ट्स प्रदान करती है तो निबेशक़ अपने निबेश के फैसले को सही तरीके से लेते है ,जिससे कंपनी की इक्विटी में बढ़ोतरी होती है।

4. प्रोडक्ट और सर्विस की क्वालिटी को बनाए रखना। जब कंपनी अपने प्रोडक्ट और सर्विस की क्वालिटी को हमेशा बनाए रखती है, तो उसके ग्राहक हमेशा उसके साथ रहते हैं, जिससे कंपनी की Equity में वृद्धि होती है।

5. मार्केटिंग की महत्वपूर्ण भूमिका। अगर कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को अधिक बढ़ावा देती है और उन्हें अधिक लोगों तक पहुँचाती है, तो यह उसकी Equity को बढ़ाता है।

6. जब कंपनी अपने निवेशकों के साथ अच्छे संबंध बनाती है और उनकी सुनती है, तो वे विश्वास रखते हैं और उसकी Equity में निवेश करने का विचार करते हैं।

इन सभी रास्तो पर चलके, कंपनी अपनी Equity को बढ़ा सकती है और निवेशकों के लिए आकर्षक बन सकती है।

 

Equity Share ट्रेडिंग किसे कहते हैं:

इक्विटी ट्रेडिंग का मतलब क्या है?इसका मतलब है की ये एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे कोई भी ब्यक्ति किसी भी कंपनी के फाइनेंसियल उपकरण जैसे शेयर्स , बांड्स ,सिक्योरिटीज इन सबको खरीदने और बेचने का काम करते है ,जिससे उन्हें लाभ या हानि हो सकती है। ये प्रक्रिया फाइनेंसियल मार्केट के जरिये होती है। जिन्हे भारत में NSE और BSE कहा जाता है।

यहाँ पर विभिन्न प्रकार की फाइनेंसियल उपकरण जैसे कि स्टॉक्स, कमोडिटीज, बॉन्ड्स, और म्यूचुअल फंड्स की व्यापारिक गतिविधियाँ होती हैं। इसी में से एक महत्वपूर्ण ट्रेड गतिविधि हैEquity Share Trading, जिसे हिंदी में “इक्विटी वित्त व्यापार” कहते हैं।

किसी कंपनी में Equity कितने लोगों की हो सकती है:

किसी कंपनी की Equity की संख्या उसके एनुअल रिपोर्ट ,और उस कंपनी के कागजात और दस्ताबेज के आधार पर अलग हो सकती है। किसी भी कंपनी की स्थापना के समय, इक्विटी की संख्या सीमित होती है, और उसके संस्थापकों द्वारा निर्धारित की जाती है। इसके बाद कंपनी के बहार से निबेशक़ और सहयोगियों की तरफ से नए शेयर का बितरण हो सकता है। जिससे Equity की संख्या बरती है।

किसी कंपनी में Equity, यानी हिस्सेदारी की मात्रा, कंपनी के प्राधिकृत शेयरों (Equity Shares) के आधार पर निर्धारित होती है। इसका मतलब है कि जब भी कोई व्यक्ति या संगठन कंपनी के शेयर खरीदता है, तो वह उस कंपनी का हिस्सेदार बन जाता है और उसके पैसे कंपनी के विकास और लाभ के लिए उपयोग किए जाते हैं।

किसी छोटे कंपनी में उसकी Equity थोड़े से लोगो के पास हो सकती है। जबकि बढ़ी मात्रा में फाइनेंसियल ग्रुप और पब्लिक लिस्टेड कंपनियों में ये लाखो या करोड़ो लोगो के पास हो सकती है।

किसी कंपनी के Equity Share होल्डर कौन-कौन होते हैं:

किसी कंपनी के शेयर होल्डर वो होते है जो उस कंपनी की सुरुवात करते है या उस कंपनी के शेयर ख़रीदे होते है ,और इसके रूप में हिस्सेदार बन् जाते है। Equity Share होल्डर आम तौरपे 4 प्रकार के होते है जो निम्नलिखित दिए हुए है :

Promoters:

promoters ये वे व्यक्तियां या संगठन होते हैं जिन्होंने उस व्यवसाय को निचे से उठाया होता है। प्रमोटर्स का काम होता है व्यवसाय की सारी योजनाओं को तैयार करना, आरंभिक कैपिटल जमा करना , और व्यवसाय को खरा करने में मदद करना। प्रमोटर्स का आदर करना चाहिए, क्योंकि वे व्यवसाय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और अक्सर उनका योगदान सबसे ऊपर होता है।

DII(Domestic Institutional Invester):

DII (Domestic Institutional Investors) का महत्वपूर्ण योगदान है भारतीय फाइनेंसियल बाजार में। इसमें विभिन्न प्रकार की संस्थाएँ शामिल होती हैं, जैसे कि म्यूचुअल फंड्स, पेंशन निधियाँ, और इन्सुरेंस कंपनियाँ। DII का मुख्य उद्देश्य भारतीय बाजार में निवेश करना होता है और उनके निवेश से बाजार में स्थिरता बनाई रखना होता है। ये संस्थाएँ विभिन्न फाइनेंसियल उपकरणों में निवेश करती हैं और इसके माध्यम से निवेशकों को विभिन्न लाभ प्रदान करती हैं।

FII (Foreign Institutional Invester):

FII (Foreign Institutional Investors) का मतलब विदेशी कैपिटल निवेशकों से है, और ये व्यक्ति या संस्थान होते हैं जो विदेश से भारतीय फाइनेंसियल बाजार में निवेश करते हैं। FII का मुख्य उद्देश्य निवेश करने के माध्यम से लाभ कमाना होता है, और ये विभिन्न प्रकार की संपत्ति जैसे कि स्टॉक्स, बॉन्ड्स, और कमोडिटीज में निवेश कर सकते हैं। FII फाइनेंसियल बाजार के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि वे निवेश की मात्रा और वित्तीय प्रवृत्तियों को प्रभावित कर सकते हैं और बाजार में अलग अलग प्रकार की गतिविधियों का कारण बन सकते हैं।

Retail Invester( others):

रिटेल निवेशक, या खुद के पैसों को फाइनेंसियल बाजार में निवेश करने वाला व्यक्ति, बड़ी भूमिका निभाता है। ये निवेशक आपके और मेरे तरह सामान्य लोग होते हैं , जो अपनी बचत या निवेश के रूप में पैसा बाजार में लगाते हैं। वे अपनी आर्थिक सुरक्षा और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निवेश करते हैं, और इसके लिए वित्तीय बाजार के नियमों का पालन करते हैं।

किसी कंपनी के Equity Share होल्ड कितने हो सकते हैं और उनके भूमिकाएँ शेयरों की मात्रा और उनके हिस्सेदारी के आधार पर निर्धारित होती हैं।Equity Share होल्ड कंपनी के नियमों और संविदानिक दस्तावेज़ के अनुसार अपने अधिकारों और लाभों का उपयोग कर सकते हैं।

Frequently Asked Question(FAQ)

Q: Equity Share क्या होते हैं?

A: इक्विटी शेयर, किसी कंपनी के मालिकाना हिस्सेदारी के प्रतीक होते हैं, जिन्हें व्यक्ति या संगठन कंपनी के मालिक बनते हैं। इनका मतलब होता है कि जब आप इक्विटी शेयर खरीदते हैं, तो आप वह कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं और उसके लाभों और नुकसानों का हिस्सा बनते हैं।

Q:Equity Share खरीदने के क्या लाभ हो सकते हैं?

A: इक्विटी शेयर खरीदने से निवेशक कंपनी के मालिक के रूप में लाभ कमा सकते हैं, वित्तीय लाभों का हिस्सा बन सकते हैं, और शेयर मूल्य के वृद्धि से फायदा उठा सकते हैं।

Q: Equity Share खरीदने के लिए कितना निवेश करना चाहिए?

A:इक्विटी शेयर की मूल्य कंपनी और बाजार की स्थिति के आधार पर बदलती रहती है, इसलिए यह आपके निवेश के लक्ष्यों और वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है। आपको अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना सुझावित है।

Q:Equity Share कैसे खरीदे जा सकते हैं?

A:आप इक्विटी शेयर्स खरीदने के लिए स्टॉक ब्रोकर के साथ संपर्क करके उनसे खरीद सकते हैं या ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म का उपयोग कर सकते हैं।

Q:Equity Share की रिस्क क्या होती है?

A:इक्विटी शेयर्स का निवेश वित्तीय बाजार के मूल्य में परिवर्तन के साथ आता है, और इसमें नुकसान का खतरा होता है। बाजार में मूल्यों की प्रतिस्पर्धा और वित्तीय घटनाओं का असर भी हो सकता है।

Q:इक्विटी शेयर्स की खरीददारी के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ आवश्यक होते हैं?

A: इक्विटी शेयर्स की खरीददारी के लिए आपको आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता डिटेल्स, और वित्तीय ब्रोकर के साथ Demat account खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ प्रदान करने की आवश्यकता होती है।


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