Intraday Trading Strategy in Hindi – [7 कमाल की स्ट्रेटजी जिससे रोज़ मिलेगा Profit]

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सोचा था शेयर मार्केट से रोज़ थोड़ा-थोड़ा प्रॉफिट कमाएँगे, लेकिन जब पहली बार चार्ट देखा, तो समझ ही नहीं आया क्या हो रहा है।

Intraday Trading सुनने में तो आसान लगती है, पर जब करने बैठते हैं तो दिमाग चकरा जाता है।

कई लोग बिना सही जानकारी और स्ट्रैटेजी के ट्रेडिंग शुरू कर देते हैं, और बाद में नुकसान होने पर सोचते हैं कि ये हमारे बस की बात नहीं है।

लेकिन सच्चाई ये है कि अगर आप सही तरीका जान लें, तो इंट्राडे ट्रेडिंग से रोज़ाना मुनाफ़ा कमाना मुमकिन है।

इस आर्टिकल में आप सीखेंगे कुछ आसान और काम की Intraday Trading Strategy in Hindi, जो

खास तौर पर beginners के लिए बनाई गई हैं – बिना भारी-भरकम टेक्निकल बातें, सिर्फ़ सीधी और समझ में आने वाली जानकारी।

Table of Contents

Intraday Trading Strategy in Hindi – इंट्राडे ट्रेडिंग की सबसे असरदार रणनीतियाँ:

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? (Intraday Trading Kya hai)

जब आप किसी स्टॉक को एक ही दिन में खरीदते और बेचते हैं, यानी उसी दिन का सौदा उसी दिन खत्म कर देते हैं, तो उसे Intraday Trading कहा जाता है।

इसमें मकसद होता है छोटे-छोटे price movements से मुनाफा कमाना।

इसे आप ऐसा समझिए — सुबह खरीदा, शाम तक बेच दिया और दिन भर चार्ट घूरते रहे

इंट्राडे ट्रेडिंग का पहला और सबसे जरूरी नियम है — “रूल्स से चलो, वरना मार्केट आपको चला देगा!”

कुछ बेसिक रूल्स:

  • Trend के खिलाफ मत ट्रेड कीजिए

  • Stop Loss ज़रूर लगाइए

  • Target से ज़्यादा लालच मत कीजिए

  • Entry से पहले exit का प्लान बना लीजिए

 इंट्राडे स्ट्रेटेजी क्यों जरूरी है?(Why Intraday Strategy is Important)

अब आप सोच रहे होंगे, “भाई रोज़ तो मार्केट चलता है, जैसे-तैसे ट्रेड कर लेंगे” — लेकिन यहीं सबसे बड़ी गलती होती है।

बिना Trading Strategy के करना मतलब बिना ब्रेक के गाड़ी चलाना — एक न एक दिन एक्सीडेंट पक्का!

Intraday Strategy आपके लिए वो नक्शा है जिससे आप समझ सकते हैं कि कब एंट्री करनी है, कब नहीं।

इससे आप impulsive decisions नहीं लेते और लॉस से काफी हद तक बच सकते हैं।

बिना रणनीति के ट्रेडिंग में कितना रिस्क होता है?(Trading Without Strategy)

सोचिए आप बिना सोचे-समझे स्टॉक खरीदते हैं क्योंकि किसी ने WhatsApp पर कह दिया — ऐसा करने से:

  • Fake breakouts में फंस सकते हैं

  • Capital जल्दी खत्म हो सकता है

  • Confidence गिर जाता है

  • धीरे-धीरे ट्रेडिंग छोड़ने का मन बनने लगता है

मतलब, बिना प्लान ट्रेडिंग = पक्का नुकसान

7 सबसे बढ़िया इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Best Intraday Trading Strategies in Hindi):

Intraday Trading करते हैं या शुरू करने की सोच रहे हैं, तो सबसे ज़रूरी चीज़ होती है – एक मजबूत और सिंपल स्ट्रेटेजी।

बिना किसी Strategy के ट्रेडिंग करना मतलब बिना रडार के जहाज़ उड़ाना है।

तो चलिए , बात करते हैं उन 7 Intraday Trading Strategy की, जो ना सिर्फ आसान हैं, बल्कि प्रैक्टिकल भी हैं।

1. Opening Range Breakout (ORB) Strategy:

opening range breakout

यह स्ट्रेटेजी दिन के शुरुआती 15–30 मिनट के हाई और लो को पकड़कर काम करती है। जब किसी स्टॉक की कीमत उस रेंज को ब्रेक करती है, तब entry का मौका बनता है।

जैसे ही 9:15 से 9:45 तक की रेंज बनती है, आप उस रेंज के ऊपर या नीचे ब्रेकआउट का इंतज़ार करते हैं। अगर वॉल्यूम ज़्यादा है और प्राइस तेजी से निकलता है, तो यह अच्छा संकेत है।

Entry के 3 Rules:

  • Opening range के ऊपर/नीचे ब्रेकआउट होना चाहिए

  • Breakout के समय वॉल्यूम ज़रूरी है

  • Fake breakout से बचने के लिए 5 मिनट की कैंडल क्लोज का इंतज़ार करें

यह स्ट्रेटेजी बैंकिंग और फास्ट मूव करने वाले स्टॉक्स जैसे HDFC Bank, ICICI Bank पर अच्छे से काम करती है।

2. Moving Average Crossover Strategy:

Moving Average Crossover

इसमें हम दो मूविंग एवरेज लेते हैं — एक छोटा (जैसे 9 EMA) और एक बड़ा (जैसे 21 EMA)। जब छोटा EMA, बड़े EMA को नीचे से काटता है, तो यह एक बाय सिग्नल होता है।

यह ट्रेंड फॉलो करने वालों के लिए शानदार स्ट्रेटेजी है, क्योंकि ये आपको ट्रेंड के साथ बने रहने का मौका देती है।

Entry के Rules:

  • 9 EMA को 21 EMA क्रॉस करे

  • प्राइस crossover के बाद कुछ कैंडल तक उसी दिशा में रहे

  • Confirm करने के लिए RSI या Volume को देखें

3. Support and Resistance Breakout Strategy:

Support and Resistance in Hindi

हर स्टॉक कुछ खास लेवल पर रुकता है — वही सपोर्ट और रेजिस्टेंस होते हैं। जब प्राइस इन levels को तोड़ता है, तो ट्रेंड का इशारा मिलता है।

इस स्ट्रेटेजी में आपको अच्छे से चार्ट पर पुराने हाई और लो को देखकर सपोर्ट/रेजिस्टेंस बनाना होता है। फिर जैसे ही ब्रेकआउट होता है, आप एंट्री प्लान कर सकते हैं।

Entry के Rules:

  • Breakout के समय वॉल्यूम बढ़ना चाहिए

  • False breakout से बचने के लिए pullback का इंतज़ार करें

  • कैंडल strong होनी चाहिए (Marubozu या बड़ी बॉडी वाली कैंडल)

4. Pullback Trading Strategy:

अगर स्टॉक एक मजबूत अपट्रेंड में है और बीच में हल्का पीछे आता है, तो उसे pullback कहते हैं।

ये सही entry का मौका होता है, लेकिन ज़्यादातर लोग डर के मारे इस समय नजरअंदाज कर देते हैं।

Pullback strategy में जब प्राइस किसी सपोर्ट या moving average तक वापस आता है और वहां से फिर bounce करता है — तो आप confident होकर entry ले सकते हैं।

Entry के Rules:

  • प्राइस Trendline या moving average से bounce करे

  • Reversal कैंडल बने जैसे hammer या bullish engulfing

  • Volume bounce के समय बढ़ता हुआ दिखे

5. Momentum Strategy:

Momentum strategy उन स्टॉक्स पर काम करती है जिनमें तेज़ी से मूवमेंट हो रहा हो और वॉल्यूम भी साथ दे रहा हो।

ऐसे स्टॉक्स स्कैल्पिंग या छोटे-छोटे ट्रेड्स के लिए बहुत बढ़िया होते हैं।

यहां आपको बस इतना करना है कि ऐसे स्टॉक्स को identify करें जो दिन के Top Gainers या Top Losers की लिस्ट में हैं और उनके चार्ट पर 5 या 15 मिनट की मजबूत कैंडल बनी हो।

Entry के Rules:

  • Volume और Price एक साथ बढ़ें

  • Momentum के साथ entry करें, reversal का इंतज़ार न करें

  • 1:2 risk-reward ratio ज़रूर रखें

6. RSI + Price Action Strategy:

RSI Indicator in Hindi

RSI (Relative Strength Index) एक ऐसा oscillator है जो बताता है कि स्टॉक overbought या oversold है। जब RSI 70 से ऊपर होता है तो overbought और जब 30 से नीचे आता है तो oversold माना जाता है।

इसमें price action का mix करके आप powerful signal पा सकते हैं। जैसे – RSI 30 के पास है और वहां bullish candlestick बनती है तो ये एक बढ़िया buy signal हो सकता है।

Entry के Rules:

  • RSI 30–35 पर हो और price action से reversal signal आए

  • Divergence दिखे तो confirm समझिए

  • Entry से पहले stop-loss का प्लान ज़रूर बनाएं

7. VWAP Strategy:

VWAP (Volume Weighted Average Price) एक ऐसा इंडिकेटर है जो दिखाता है कि आज का average price कहाँ है। ज्यादातर institutions इसे follow करते हैं, इसलिए ये बहुत strong level माना जाता है।

अगर प्राइस VWAP से ऊपर ट्रेड कर रहा है, तो bullish माना जाता है, और नीचे ट्रेड कर रहा है तो bearish। इसी logic से आप trades प्लान कर सकते हैं।

Entry के Rules:

  • VWAP के ऊपर प्राइस जाए तो buy, नीचे जाए तो sell

  • VWAP retest के बाद bounce आए, तभी entry लें

  • Volume confirm करे तो ट्रस्ट बढ़ता है

Intraday Trading के 5 Golden Rules – जो हर ट्रेडर को पता होने चाहिए

Intraday Trading के 5 Golden Rules

इंट्राडे ट्रेडिंग में सिर्फ चार्ट देखना ही काफी नहीं होता, कुछ सॉलिड रूल्स भी फॉलो करने पड़ते हैं।

मार्केट में जो लोग लगातार पैसा बनाते हैं, वो जादू नहीं करते – वो बस एक डिसिप्लिन को फॉलो करते हैं।

आइए जानते हैं 5 Golden Rules, जिन्हें समझकर और अपनाकर आप भी अपने इंट्राडे गेम को मजबूत बना सकते हैं।

5-3-1 Rule – ट्रेडिंग में फोकस लाने वाला सिंपल फार्मूला:

इस नियम के अनुसार:

  • 5 स्टॉक्स: हर दिन 5 ही स्टॉक्स पर फोकस करें

  • 3 स्ट्रेटेजीज़: केवल 3 भरोसेमंद रणनीतियाँ चुनें

  • 1 टाइम स्लॉट: रोज़ एक ही टाइम पर ट्रेडिंग करें (जैसे 9:30–11:00 AM)

इस रूल का फायदा ये है कि आप हर दिन अलग-अलग चीज़ों में भटकने के बजाय, एक सिस्टमैटिक अप्रोच से ट्रेडिंग करते हैं।

बार-बार Trading Strategy या स्टॉक बदलना confusion और loss देता है। कम चीज़ों में mastery लाइए।

3-5-7 Rule – Risk Management का Funda:

ये रूल बताता है कि आप कितना loss झेल सकते हैं:

  • एक ट्रेड में 3% से ज़्यादा loss न हो

  • एक दिन में कुल 5% से ज़्यादा capital का नुकसान न हो

  • एक हफ्ते में 7% से ज़्यादा नुकसान हो गया, तो ट्रेडिंग बंद करें और self-analysis करें

इस नियम को follow करने से आप एक बुरे दिन या हफ्ते में भी अपनी पूरी capital नहीं गंवाते। ये mental peace के लिए भी ज़रूरी है।

 80/20 Rule – High Performer पर फोकस करने का तरीका:

Pareto Principle कहता है कि किसी भी काम में 80% रिजल्ट सिर्फ 20% कारणों से आता है।

ट्रेडिंग में भी यही बात लागू होती है — 80% प्रॉफिट आपको सिर्फ 20% अच्छे स्टॉक्स या ट्रेड्स से मिलेगा।

इसलिए आपको रोज़ नए स्टॉक्स खोजने की जगह, उन्हीं टॉप 20% हाई-वॉल्यूम या हाई-मूवमेंट वाले स्टॉक्स पर फोकस करना चाहिए, जिनमें वॉल्यूम अच्छा हो, ट्रेंड क्लियर हो।

और जिन पर आपकी Trading Strategy काम करती हो।

 90% Rule – मार्केट पर नहीं, अपने प्लान पर भरोसा रखिए:

बाजार unpredictable है — लेकिन आपका ट्रेडिंग प्लान नहीं होना चाहिए।

इस नियम का मतलब है कि 90% समय आपको अपने प्लान और रणनीति पर भरोसा करना है, न कि खबरों, दूसरों की राय या इमोशन्स पर।

अगर आपकी स्ट्रेटेजी ने एंट्री-सिग्नल दिया है और Risk:Reward अच्छा है, तो बस ट्रेड लीजिए और भावनाओं को बाहर रखिए।

Risk-Reward Ratio (2:1) – कम रिस्क, ज़्यादा प्रॉफिट का मंत्र:

इसका मतलब है – जहां आप ₹1 का रिस्क ले रहे हैं, वहां आपको कम से कम ₹2 कमाने की संभावना दिखनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं है, तो ट्रेड लेने लायक नहीं है।

इस नियम को अपनाकर आप 2 ट्रेड में से सिर्फ 1 ही सही करें, तब भी आप फायदे में रहेंगे। ये लॉन्ग-टर्म सफलता की कुंजी है।

Conclusion:

सफल Intraday Trading सिर्फ एक अच्छी स्ट्रेटेजी से नहीं, बल्कि अनुशासन, अभ्यास और लगातार सीखते रहने से बनती है।

हर ट्रेड से कुछ न कुछ सीखना जरूरी है — चाहे वो प्रॉफिट हो या लॉस।

खुद को अपडेट रखना, बैकटेस्टिंग करना और एक फिक्स्ड प्लान पर टिके रहना ही आपको दूसरों से अलग बनाता है। अ

गर आप ट्रेडिंग को एक स्किल की तरह सीखेंगे और लॉन्ग टर्म माइंडसेट रखेंगे, तो धीरे-धीरे आप न सिर्फ घाटे से बचेंगे बल्कि स्मार्ट और प्रोफिटेबल ट्रेडर भी बन जाएंगे।

FAQs – Intraday Trading Strategy से जुड़े सवाल:

1. इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे बढ़िया रणनीति कौन सी है?
 A.प्राइस एक्शन और VWAP के साथ 5-3-1 रूल का उपयोग सबसे कारगर माना जाता है।

2. 3-5-7 नियम ट्रेडिंग में क्या होता है?
 A. यह नियम बताता है कि ट्रेडिंग में 3% से ज्यादा रिस्क, 5% से ज्यादा नुकसान और 7% से ज्यादा लालच नहीं होना चाहिए।

3. इंट्राडे के लिए कौन सी ट्रेडिंग सबसे सही है?
 A. ट्रेंड के साथ ट्रेड करना और हाई वॉल्यूम वाले स्टॉक्स चुनना सबसे सही तरीका है।

4. 5-3-1 नियम ट्रेडिंग में क्या है?
 A. 5 स्टॉक्स पर ध्यान दो, 3 रणनीतियाँ अपनाओ, और एक ही टाइम स्लॉट में ट्रेड करो।

5. इंट्राडे ट्रेडिंग में सबसे अच्छा पैटर्न कौन सा है?
 A. फ्लैग पैटर्न, ब्रेकआउट और रिवर्सल पैटर्न इंट्राडे में बेहद कारगर माने जाते हैं।

6. गोल्डन स्ट्रेटेजी क्या है इंट्राडे के लिए?
 A. ट्रेंड + वॉल्यूम + सपोर्ट/रेजिस्टेंस लेवल को मिलाकर की गई स्ट्रेटेजी को गोल्डन माना जाता है।

7. इंट्राडे में सफलता कैसे पाएं?
 A. डिसिप्लिन, सही स्ट्रेटेजी, और रिस्क मैनेजमेंट से ही लगातार सफलता मिल सकती है।

8. ट्रेडिंग में 90% नियम क्या है?
 A. कहते हैं कि 90% नए ट्रेडर्स 90 दिनों में 90% पैसा खो देते हैं – इसलिए सीखना जरूरी है।

9. ट्रेडिंग में 80/20 नियम क्या है?
 A. 80% रिटर्न, आपके 20% ट्रेड्स से आते हैं – यानी क्वालिटी ट्रेड्स जरूरी हैं।

10. ट्रेडिंग का नंबर 1 नियम क्या है?
 A. “Loss को कंट्रोल करो, Profit अपने आप बढ़ेगा।”


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